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क्या है सावन का महीना | क्यों सावन को कहा जाता है मनोकामना पूर्ण करने वाला महीना |

दोस्तों सावन का महीना एक पवित्र महीना है | इस महीना में लोग सतोप्रधान भोजन करते है | सावन का महीना भगवान भोलेनाथ को बहुत ही प्रिय है | शास्त्रयों के अनुसार जो सावन माह में सच्चे मन से भोलेनाथ का पूजा ध्यान करते है वह पुण्य के भागी हो जाता है | और मनोकामनएं भी पूरी होती है | सावन के सोमवार को बहुत ही शुभ दिन माना जाता है | लोग इस दिन भोलेनाथ पर जल अर्पण करते है | इस महीना को सेवा का महीना भी कहा जाता है | जो लोग बोलबम जाते है उसका बीच बीच में लोग सेवा करते है | आप भी सेवा करते ही होंगे | सेवा शब्द मन को शांति प्रधान करता है | जो लोग कांवरिया का सेवा करता है वह लोग पुण्य के भागी होते है | सावन का महीना में बहुत मजा आता है | लेकिन इस बार कोरोना के कारण उस तरह से सावन का महीना नहीं रहा जिसे सावन का महीना कहा जाता है | इस साल सावन में 5 सोमवारी है | 6 जुलाई से 3 अगस्त तक सावन का महीना है | इस बार का महत्व बहुत ही अधिक है क्योकि इस बार सावन का शुरुआत सोमवार से हुआ और खत्म भी सोमवार को होगा | सावन का पूर्णिमा को रक्षाबंधन मनाया जाता है | रक्षाबंधन एक बहुत ही पवित्र त्योहार है | तो दोस्तों आइये जानते है भोलेनाथ और सावन के बारे में |

भगवान भोलेनाथ को क्यों पसंद है सावन का महीना -

इस महीना ( सावन )  में  माँ पार्वती जी  ने शंकर जी को पाने के लिए घोर तपस्या की थी | माँ पार्वती जी शंकर जी को पति रूप में पाने के कठिन तपस्या की  | तपस्या से खुश होकर शंकर जी ने माँ पार्वती जी का मनोकामना पूर्ण किये | माँ पार्वती जी इस महीना कठिन तपस्या किये और माँ का मनोकामना पूर्ण हुआ इस मिलन के कारण शंकर जी को यह महीना अत्यंत पसंद है | इसी कारण कुमारी कन्या अच्छे पति पाने के लिए शंकर जी से प्रार्थना करती है |

यह महीना है खास 



जब देवता और दानव ने समुद्र मंथन किया था | अमृत के पहले समुद्र से विष निकला था | जब विष निकला था उस समय हाहाकार मच गया था | देवता लोग नारायण के पास गया समस्या का समाधान मांगने | नारायण जी और देवता फिर गए शंकर जी के पास फिर शंकर जी ने विष का पान करके संसार को विष से बचाया था | जब शंकर जी ने विष का पान किया था | वह महीना भी सावन ही था |

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इस महीना में शंकर जी पहली बार आपने सुसराल मतलब पृथ्वी लोग आये थे | शंकर जी का जोरदार स्वागत हुआ था | और कहा जाता है की सावन के महीना में शंकर आपने सुसराल आते है यानि पृथ्वी लोग इसलिए यह महीना खास हो जाता है |

सावन का उपवास

इस महीना के सोमवार को उपवास रखा जाता है | कुछ लोग तो फल खाते है और कुछ लोग बिना कुछ खाये रहते है | यह उपवास सभी लोग रखते है | लोग बहुत ही उल्लास के साथ मंदिर को सजाते है सुबह से लेकर रात तक शिवलिंग का पूजा करते है | शिवलिंग पर जल देते है | जल के साथ बेल पत्रों दूध , घी, शहद दही और फूल से शिवलिंग का अभिषेक करते है | पूजा होने के बाद प्रसाद का वितरण किया जाता है | सभी लोग बहुत ही श्रदा से प्रसाद खाते है | भजन कीर्तन और जागरण का आयोजन किया जाता है | सावन में मनोकांमना पूर्ण होता है |

सावन के महीने में |

दोस्तों जैसे की आप जानते ही है की यह महीना कितना पवित्र है | यह महीना शंकर जी को कितना प्रिय है | यह महीना मनोकामनाये पूर्ण होने का महीना है | इस महीने में लोग कांवर लेकर बोलबम जाते है कुछ लोग पैदल कुछ लोग मोटर कार से तो कुछ लोग ट्रैक से जैसे जिसे मिला वह निकल जाता है बोलबम | सबसे पहले लोग सुल्तानगंज जाते है | सुल्तानगंज में स्नान किया जाता है सुल्तानगंज का गंगाजी को बहुत ही पवित्र माना जाता है | लोग सुल्तानगंज से अपनी यात्रा प्रारंभ करते है | रास्ते में नाचते गाते हूए जाते है जैसे की दोस्तों आप जानते ही है की श्रदालु का सेवा किया जाता है | कुछ लोग कांवरिया का सेवा करते है जैसे जल सेवा फल सेवा आदि तरीका से सेवा किया जाता है बीच बीच में पंडाल में मनोरंजन कीर्तन सुनने की भी व्यवस्था रहता है | जब बोलबम पहुंच जाता है तो शिवलिंग का पूजा किया जाता है और प्रसाद खरीद कर घर के ओर प्रस्थान किया जाता है | बोलबम में ऐसे तो सभी महीना में पूजा किया जाता है लेकिन सावन के महीना में बहुत ज्यादा भीड़ लगता है | सैलानी विदेश से भी आते है पूजा दर्शन के लिए | यह महीना वाकई बहुत खूबसूरत होता है | यह सही में एक पावन महीना है | 







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