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Hindi Varnamala हिंदी वर्णमाला स्वर और व्यंजन वर्ण के भेद |

दोस्तों आज में आपको हिंदी वर्णमाला Hindi Varnamala के बारे में बताउगा | तो हो जाइये तैयार दुनिया में अनेक भाषा है आपने देश में भी अनेक भाषा बोली जाती है | जैसे हिंदी, तमिलबंगाली, गुजरती,पंजाबी आदि अनेक भाषा है | हिंदी आपने देश का राष्ट्रीय भाषा है | 

आपना हिंदी भाषा बहुत समृद्ध भाषा है इसे समझने के पहले हमे हिंदी वर्णमाला Hindi Varnamala की जानकारी होना बहुत ही आवश्यक है | 



                                     Hindi Varnamala 

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Hindi Varnamala



इस आर्टिकल में  हिंदी वर्णमाला के  बारे में तो जानेगे ही इसके साथ साथ हिंदी वर्णमाला चार्ट Hindi Varnamala letters. 

Hindi Varnamala हिंदी वर्णमाला क्या होती है | 

सबसे पहले यह जान लेते  है | हिंदी वर्णमाला Hindi Varnamala क्या होती है |  वर्णों को व्यवस्थित करने के समूह को वर्णमाला कहते है | जैसे दोस्तों इंग्लिश भाषा में 26  अक्षर होता है | 

उसी प्रकार आपने हिंदी भाषा में 52 वर्ण है देखा जाय तो इंग्लिश के तुलना है हिंदी ज्यादा समृद्ध है | इसमें से 11  स्वर है और 41  व्यंजन Vyanjan है | 

अगर लेखन के तौर पर देखा जाय तो 56 वर्ण है इसमें 4  संयुक्त व्यंजन है |  ध्वनियां जो बोलते है हमे अपनी बात दुसरो को कुछ समझने के लिए इसका जरूरत होता है | यह वर्णमाला कहलाता है | 

इसके माध्यम से हम अपनी भावना बोलकर या लिख कर दूसरे को समझा सकते है | 

हिंदी वर्णमाला चार्ट  ( Hindi Varnamala Chart )

hindi varnamala letter


अ आ इ ई उ ऊ 
ए ऐ ओ औ अं अः 
क ख ग घ ङ 
च छ ज झ ञ
ट ठ ड ढ़ ण 
त थ द ध न 
प फ ब भ म 
य र ल व श ष स ह क्ष त्र ज्ञ  

इसमें से अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ स्वर है और अं अः विसर्ग है | 


क ख ग घ ङ 
च छ ज झ ञ
ट ठ ड ढ़ ण 
त थ द ध न 
प फ ब भ म 
य र ल व श ष स ह  ये व्यंजन Vyanjan है | 

संयुक्त व्यंजन - क्ष त्र ज्ञ श्र है | तो आपने हिंदी भाषा के शब्द के बारे में जाना | 

ये सब  Hindi Varnamla words है | 

Hindi Varnamala in English हिंदी वर्णमाला इन इंग्लिश

 
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दोस्तों आपने ऊपर में जाना हिंदी वर्णमाला के बारे में अब जानते है इसके इंग्लिश के बारे में | 
अ (A),आ (AA),  इ (I),  ई (EE), उ (U), ऊ (OO), ऋ (RI) 
ए (E), ऐ (AI), ओ (O), औ (AU), अं (AN), अः (AH)


क (K),  ख (KA),  ग (G),  घ (GH),  ङ (NG) 
च (CH), छ (CHH), ज (J), झ (JH), ञ (YN)
ट (T),  ठ (TH), ड (D),  ढ़ (DH), ण (N)
त (T), थ (TH), द (D), ध (DH), न (N)
प (P,) फ (PH),   ब (B),  भ (BH), म (M)
य (Y), र (R), ल (L), व (V), श (SH), ष (SH), स (S),ह (H)  क्ष (KSH)  त्र (TR) ज्ञ (GY) 

 Swar स्वर : जिन वर्ण (शब्द ) का उच्चारण करते समय सांस, कंठ, तालु आदि स्थानों से बिना रुके निकले | तब इसे Swar स्वर कहा जाता है | 


वे वर्ण जिसका उच्चारण के लिए किसी अन्य वर्ण का निर्भर न हो स्वतंत्र रूप से बोले जाने वाला वर्ण है | 

जैसे -  अ  आ इ ई उ ऊ ए ऐ ओ औ अं अः  


Vyanjan व्यंजन : जिन वर्णा का उच्चारण करते समय सॉस कंठ तालु आदि स्थानों से रूककर निकले इसे व्यंजन Vyanjan कहा जाता है | 

जिन वर्ण का उच्चारण स्वरों Swar  की मदद के बिना नहीं हो पाता हो उन्हें व्यंजन वर्ण कहा जाता है                                                              

क ख ग घ ङ 
च छ ज झ ञ
ट ठ ड ढ़ ण 
त थ द ध न 
प फ ब भ म 
य र ल व श ष स ह क्ष त्र ज्ञ  

जैसे हमे क लिखना है क हम इस प्रकार लिखेंगे क (क्+अ) 


Hindi dependent vowels  (आश्रित स्वर ) 

यह स्वर का ही रूप है | जो स्वर का प्रतिनिधित्व करता है इसकी संख्या 11 है लेकिन दृश्य रूप में इस मात्रा की संख्या 10
होती है | 




कुछ अन्य प्रश्न जो हिंदी वर्णमाला Hindi varnamala में पूछे जाते है | 

वर्ण किसे कहते है | 


हिंदी भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि होती है | जिसे खंड या टुकड़े नहीं किये जा सकते है | धवनियों के वे मौलिक और सूक्ष्मतम रूप जिन्हे विभाजित नहीं किया जा सकता है |

उन्हें वर्ण कहा जाता है वर्ण के जो मौखिक रूप को ध्वनि और लिखित रूप में अक्षर कहा जाता है | 

वर्णमाला किसे कहते है | 

सभी वर्ण या अक्षरों को मिलकर वर्णमाला बनती है | वर्णो के व्यवस्थित समूह को वर्णमाला कहा जाता है | 


Hindi Varnamala हिंदी वर्णमाला में कितने वर्ण होते है | 


52 वर्ण होते है हिंदी में | 

वर्ण कितने प्रकार के होते है | 


वर्ण दो प्रकार के होते है पहला स्वर Swar और दूसरा व्यंजन Vyanjan 


वर्णो के भेद 



स्वर वर्ण किसे कहते है | इसके प्रकार | 


जैसे की आपने यह ऊपर भी जाना ऐसे वर्ण जिनके उच्चारण के लिए किसी भी अन्य वर्ण का जरुरत न हो | स्वर वर्ण के उच्चरण के लिए कंठ और तालु का उपयोग होता है | 

इन वर्णो को बोलते समय होंठ और जीभ पर ज्यादा असर नहीं होता है | इसके दो प्रकार होते है 


  • मूल स्वर 
  • संयुक्त स्वर

मूल स्वर किसे कहते है | और इसके कितने भेद है | 

ऐसे स्वर वर्ण जो आपने स्वतंत्र या मौलिक रूप में होते है | इसे मूल स्वर कहा जाता है | मूल वर्ण में अन्य स्वर वर्ण का योग भी होता है | यह तीन प्रकार के होते है | 

  • ह्स्व स्वर 
  • दीर्घ स्वर 
  • प्लुत स्वर 

ह्स्व स्वर - वे स्वर वर्ण जिन्हे कम समय में ही उच्चारित किया जाता है यह कम ही समय में उच्चरित किया जा सकता है | इसे ह्स्व स्वर कहते है | 

अगर इसकी संख्या को देखे तो यह सिर्फ 4 है |  अ, आ , उ, ऋ 


दीर्घ स्वर - इन वर्ण के उच्चारण में अधिक समय लगता है | उन्हें दीर्घ स्वर कहा जाता है | जैसे - आ , ई , ऊ , ए , ऐ , ओ औ | 

यह भिन्न भिन्न स्वर वर्णो के योग से बनते है इसी कारण इसके उच्चारण में अधिक समय लगता है | 


प्लुत स्वर - जिन स्वर वर्णों के उच्चारण में दीर्घ स्वर वर्णों से भी अधिक समय लगता है उन्हें प्लुत स्वर कहा जाता है | इसका दूसरा नाम त्रिमात्रिक स्वर है | 


संयुक्त स्वर किसे कहा जाता है और इसके कितने भेद है | 



जब 2 मूल स्वर के संयोग से एक और स्वर वर्ण का निर्माण होता है तो इसे संयुक्त स्वर कहा जाता है | इसके पहले भाग में एक ह्स्व स्वर और दूसरा में दीर्घ स्वर होता है | 

सामान्य से अधिक बल लगता है संयुक्त स्वर के उच्चारण में | इसकी संख्या 2 है इसे दीर्घ स्वर में सम्मलित किया जाता है |  



Vyanjan व्यंजन वर्ण किसे कहा जाता है और इसके भेद कितने है | 

जैसे की ऊपर में भी जाना आपने जिन वर्णा का उच्चारण करते समय सॉस कंठ तालु आदि स्थानों से रूककर निकले इसे व्यंजन Vyanjan कहा जाता है | 

जिन वर्ण का उच्चारण स्वरों की मदद के बिना नहीं हो पाता हो उन्हें व्यंजन Vyanjan वर्ण कहा जाता है |    


व्यंजन वर्ण चार प्रकार के होता है | 

  • स्पर्श व्यंजन 
  • अन्तः स्थ व्यंजन 
  • ऊष्म व्यंजन  
  • संयुक्त व्यंजन   



स्पर्श व्यंजन :-  इसे उच्चारण करते समय हमारी जीभ मुख के अन्य भागों  जैसे कंठ तालु दंत ओष्ठ से स्पर्श करता है | स्पर्श वर्णो के उच्चरण के आधार पर अलग अलग वर्गो में विभक्त किया गया है | इसलिए इसे वर्गीय व्यंजन के नाम से भी जाना जाता है | 



इसके उदाहरण -

क ख ग घ ङ  ( कंठ के स्पर्श ) 
च छ ज झ ञ  ( तालु के स्पर्श )
ट ठ ड ढ़ ण ( मूर्धा का स्पर्श )
त थ द ध न  ( दाँत का स्पर्श )
प फ ब भ म   ( होठो का स्पर्श )



अन्तः स्थ व्यंजन :- यह दो शब्द से मिलकर बना है अन्तः और स्थ इसका उच्चारण का तरीका स्वर Swar और व्यंजन के बीच सा होता है | इनकी संख्या चार है | 

य, र , ल ,व  

ऊष्म व्यंजन  :-  इस वर्ण का जब इस्तेमाल किया जाता है तो उस समय कंठ से निकली वायु मुख दे विभिन्न भागो से टकराकर यह हल्की गर्म हो जाती है | इसकी संख्या चार है | 

श , ष , स, ह |
संयुक्त व्यंजन   : -  इसमें दो या दो से अधिक व्यंजन वर्णो का समावेश होता है |  संयक्त स्वर वर्णो की संयुक्त व्यंजन भी होते है | 








तो दोस्तों आपने इस पोस्ट में हिंदी वर्णमाला Hindi varnamala के बारे में अच्छे से जाना आशा करते है की यह आर्टिकल हिंदी वर्णमाला Hindi Varnamala आपको अच्छा लगा होगा | 



  






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