Holi ke bare me bhut hi Mahtvpurn jankari होली के बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी |
दोस्तों होली आपने देश में बहुत ही धूम धाम के साथ मनाया जाता है | होली का दिन बहुत ही मजे का दिन होता है | होली में दिन भर सबलोग बहुत ही मस्ती करते है | और रात में मटकी फोड़ते है | होली रंगो का त्योहार है | होली का दिन बहुत ही शुभ होता है | होली खुशियों और भाईचारा का त्योहार है | दोस्तों आपने देश भारत में अनेकों त्योहार मनाया जाता है और सभी त्योंहार का आपने ही कुछ महत्व है | होली मनाने के पीछे एक मन्यता यह भी है की कश्यप और उसकी पत्नी दिति के पुत्र हिरण्यकश्यप था | हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन को आपने पुत्र को आग में प्रवेश करने के लिए कहा | क्योंकि प्रह्लाद विष्णु भक्त था और वह नारायण की स्तुति करता था जबकि उसके पिता चाहता था की प्रह्लाद सिर्फ उसी का स्तुति करे इसलिए होलिका को मारने के लिए कहा गया | होलिका को एक वरदान था की वह आग से नहीं मरेगी | जब प्रह्लाद को लेकर होलिका आग में प्रवेश किया तो होलिका जल गई और प्रह्लाद को कुछ भी नहीं हुआ | इस कारण होली को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी मनाया जाता है | होली सबसे पुरानी त्योहारो में से एक है | लोग गले शिकवे भूलकर इस पर्व हो मनाते है | दोस्तों होली का नाम सुनते ही मन ख़ुश हो जाता है | क्योंकि कितना भी त्योंहार हमारे घर में मनाया जाता है उन सभी त्योंहार में सबसे ज्यादा मजा होली में आता है | यह पर्व जात -पात , उच्च नीच भेद भाव को समाप्त करती है | इस पर्व में सभी लोग शामिल होते है बड़ा हो छोटा हो हर तबके के उम्र के लोग शामिल होते है | होली को फल्गुन माह के अन्त में मनाया जाता है | तो दोस्तों आइए जानते है की होली के बारे में विस्तार में |
होली क्या है |
होली हिन्दु धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है | होली में लोग एक दूसरे पर रंग डालते है और अबीर लगते है | यह त्योंहार बुराई पर अच्छाई पर जीत के रूप में मनाया जाता है | और इसलिए इस दिन संकल्प लेते है की हमे बुराई का त्याग करके अच्छाई को अपनाना है |
होली का इतिहास |
होली का इतिहास बहुत ही पुराना है | होली का त्योंहार का संबंध प्रह्लाद से है | राक्षसों का राजा कश्यप था और और उसकी पत्नी का नाम दिति था और उसके दो पुत्र थे | हिरणाक्ष और हिरण्यकश्यप | हिरण्यकश्यप ने तपस्या कर के देवताओं से वरदान प्राप्त किया | वरदान था की वह ना तो जमीन पर मरेगा और ना ही आकाश में , ना घर में और ना ही बाहर में , ना ही स्त्री से ना ही पुरूष से ना ही रात में और ना ही दिन में ना अस्त्र से ना शस्त्र से ना मानव से ना दानव से मरेंगा | यह वरदान पाकर हिरण्यकश्यप और दानव हो गया और आपने आप को अमर मानने लगा | फिर हिरण्यकश्यप आपने आप को सबसे से महान समझने लगा | और देवताओं को सताने लगा | हिरण्यकश्यप को एक बेटा था | उसका नाम प्रह्लाद था | वह नारायण का भक्ति करता था | हिरण्यकश्यप चाहता था की वह नारायण का स्तुति ना कर के वह मेरा स्तुति करें | लेकिन प्रह्लाद ने उसका बात नहीं माना इससे हिरण्यकश्यप कोध्रित होकर प्रह्लाद को बहुत यातनाएँ दिया और मरने का प्रयास किया लेकिन नारायण के इस भक्त को कुछ भी नहीं हुआ | फिर हिरण्यकश्यप अपनी बहन को प्रह्लाद को मारने का आदेश दिया | हिरण्यकश्यप का बहन का नाम होलिका थी | उसको एक वरदान था की वह आग से नहीं जलेगी | होलिका प्रह्लाद को लेकर आग में प्रवेश किया | लेकिन प्रह्लाद को कुछ भी नहीं हुआ लेकिन होलिका मर गई | इसी के याद में यह त्योंहार मनाया जाता है | बुराई पर अच्छाई पर जीत के लिए मनाया जाता है | और हिरण्यकश्यप का वध करने के लिए नारायण ने नरसिंह का अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया |
कैसे मनाते है होली |
दोस्तों होली पुरे इंडिया में मनाया जाता है | लेकिन उत्तर भारत में इसे बड़े धूम धाम के साथ मनाया जाता है | गोकुल बज्र वृंदावन आदि जगह में यह त्योंहार का आनंद कुछ अलग ही है | लोग सुबह उठ कर नहाते है और पूजा पाठ कर के घर की स्त्री पकवान बनाने में भीड़ जाती है और घर के अन्य सदस्य भी सहयोग करते है | और फिर होली खेलने घर से निकल जाते है | होली में एक दूसरे पर रंग छिडकते है और गुलाल लगाते है | और बड़े लोग कुछ जगह पर भजन कीर्तन करते है | और शाम को लोग अबीर गुलाल लगाते है और बड़े लोग से आर्शीवाद लेते है | शाम को मटकी फोड़ते है | और लोग गीत भजन गाते है | इस दिन लोग अच्छी पकवान ग्रहण करते है | कुछ लोग समाज में गरीबों को मदद करते है और पकवान कपड़े आदि दान करते है | ये एक बहुत ही अच्छी पहल है |
होली में सावधानी |
दोस्तों पहले होली फूल के रस से खेला जाता था | इससे हमारी त्वचा कुदरत के कारण निखार देती थी | लेकिन वर्तमान में केमिकल का उपयोग होने लगा जिसके कारण स्किन को नुकसान होता है | और बहुत सी बीमारी हो सकती है | इसलिए हमेशा प्राकृतिक रंगो का ही उपयोग कीजिए |
कुछ अच्छी बातें |
कैमिकल रंगो से होली नहीं खेले |
होली खेलते समय पुरे ढका हुआ कपड़े पहने |
आँख को रंगो से बचना चहिए | अगर आँख में रंग चल जाये तो | आँख को साफ पानी से धोए | और तुरंत डाक्टर का सहयता ले |
शरीर पर तेल लगा कर होली खेले |
होली में अक्सर देखा जाता है की लोग नशा का सेवन करते है | नशा का सेवन नहीं करें |
रंग को किसी के आँख कान में ना जाए इसका ध्यान रखना है |
सस्ते चाइनीज रंग से दूर रहना है | और उपयोप में यह रंग नहीं लाना है |
होली के कुछ मजेदार बातें |
दानव हिरण्यकश्यप के बहन का नाम होलिका था | उसी के नाम पर होली पड़ा |
होली का एक प्रसिद्व कहावत है बुरा ना मानों होली है |
यह त्योंहार हमे क्षमा दान करने का प्रेरणा देता है |
यह त्योंहार बुराई पर अच्छाई पर जीत के रूप में मनाते है |
होलिका दहन के समय गेहूं की बाली सेंककर घर में रखने से धन में वृध्दि होती है |
होली के राख को शरीर पर लगाकर नहाने से अनेको लाभ होता है |
ब्रज का होली पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा आर्कषण का केंद्र बिन्दु है |
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