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रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है | और इसका इतिहास | WHY IS RAKSHABANDHAN CELEBRATED ? AND ITS HISTORY

दोस्तों रक्षा बंधन एक पवित्र त्योहार है | दोस्तों हम भारतीय का हर दिन कोई ना कोई त्योहार जरूर होता है | त्योहार हमारे खून में है | दोस्तों क्या आपको पता है की त्योहार मनाने के क्या फायदा है त्योहार मनाने के पीछे का उपदेश क्या है | हमारे यहां अनेक त्योहार मनाया जाता है | उनमे से एक है रक्षाबंधन | रक्षाबंधन एक बहुत ही पवित्र त्योहार है | रक्षाबंधन भाई बहन का त्योहार है इस दिन भाई अपनी बहन को यह भरोसा देता है की मै तुम्हारी रक्षा अपनी जान से भी ज्यादा करुगा और यह वचन निभाया जाता है | वर्तमान समय में सबसे ज्यादा पवित्र रिश्ता माँ पिताजी और बहन के साथ है | इस दिन बहन आपने भाई को रक्षा का डोरी यानि राखी बांधती है | हमारे देश में जितना भी त्योहार है सब का आपना ही महत्व है | दुनिया में सबसे ज्यादा त्योहार आपने देश में मनाया जाता है | कुछ त्योहार तो हम लोग धूमधाम से मनाते है और कुछ त्योहार को कम कुछ त्योहार कब हुआ और कब खत्म हुआ पता भी नहीं चलता है | दोस्तों पहले यह जान लेते है की त्योहार मनाने के पीछे क्या कारण है | जिस देश में त्योहार नहीं होता है वहां का जनता में उत्साह की कमी आ जाता है | लोग एक दूसरे से दूर होने लगते है और वह जगह रहने लायक नहीं रहता है | और जिस देश में त्योहार उत्सव होता है वहां का जनता में उत्साह की कमी नहीं रहता है | दोस्तों आप यह मान लीजिए अगर किसी के जीवन में उत्साह नहीं है तो उसका जीवन कैसा होगा | उसका जीवन नर्क के समान हो जाइएगा ना | और जिसके जीवन में उत्साह ख़ुशी है वह तो यहां भी स्वर्ग में है | हमारे ऋषि मुनियो ने तप से हमे सही दिशा में जीवन जीने का मार्ग बताया है | जैसे शुद्ध शाकाहरी भोजन करना दुसरो को नुकसान नहीं पहुंचना हमेशा खुश रहना ज्ञान में वृध्दि करना योग करना आदि रास्ता बताया है | दोस्तों अनेक त्योहार हमारे यहां मनाया जाता है | उनमे से एक पवित्र त्योहार रक्षाबंधन भी है | तो दोस्तों आइए जानते है रक्षाबंधन के बारे में विस्तार से 

रक्षाबंधन कब मनाया जाता है -

रक्षाबंधन एक हिन्दू और जैन का त्योहार है | इस त्योहार को लोग बहुत ही सादगी और पवित्रता के साथ मनाते है | यह त्योहार सावन मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है | सावन माह में मनाने के कारण रक्षाबंधन को सावनी या सलूनो भी कहा जाता है | इस पवित्र दिन में बहन आपने भाई को कच्चा धागा (राखी ) बांधती है | यह त्योहार बहन और भाई का त्योहार है | रक्षाबंधन के दिन बहन आपने भाई के तरक्की के लिए ईश्वर से प्रार्थना करती है | यह त्योहार मुख्य रूप से हिन्दू और जैन लोग मनाते है लेकिन हमारा समाज इतना अच्छा है की मुस्लिम और ईसाई भाई भी साथ मिलकर यह त्योहार मानाते है | दोस्तों भारत एक बहुत ही खूबसूरत देश है जहां हर धर्म का त्यौहार सभी धर्म वाले लोग मिलकर मनाते है | इस दिन बहन भाई को तिलक लगती है और राखी बांधती है और भाई को मिठाई खिलाती है | और भाई अपनी ख़ुशी से बहन को कुछ देते है | 




ANANK KUMAR



रक्षाबंधन क्यों मनाया जाता है | -

1.  राजा बलि भक्त प्रह्लाद का प्रपौत्र है | राजा बलि भी प्रह्लाद के तरह श्री विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था | श्री विष्णु जब वामन अवतार लेकर जब बलि के पास पहुंचा तो उस समय राजा बलि हवन कर रहे थे | वामन जी एक ब्राह्मण का वेश धारण कर के राजा बलि के पास गया | वामन जी राजा बलि से भिक्षा मांगने लगा तब राजा बलि ने वामन जी से कुछ मांगने के लिए बोला उस समय दैत्य गुरु विष्णु जी को पहचान लिया था | और दैत्य गुरु ने राजा बलि को रोकने लगा और कहा की यह विष्णु जी है | उसके बात में मत आओ तब राजा बलि ने कहा की जो दुनिया का दाता है अगर वे हमसे कुछ मांगने आये है तो इससे बड़ा बात कुछ ओर नहीं हो सकता है | तब वामन जी से अपनी इच्छा से कुछ मांगने कहता है | तब वामन जी ने तीन पग जमीन मांगते है | राजा बलि इसे स्वीकार करते है | वामन जी ने पहले ही संकल्प करा लिए थे | जब श्री हरि तीन पग नापने लगे तब श्री हरि ने तीनो लोक को नाप लिया | राजा बलि ने आपनी हार स्वीकार कर लिया | तब राजा बलि ने श्री हरि से आपने घर में रहने का अनुरोध किया | श्री हरि ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया | अब श्री हरि राजा बलि के घर में रहने लगा | यह बात माँ लक्ष्मी को अच्छी नहीं लगी | तब माँ लक्ष्मी जी ने एक ब्राह्मण औरत का के रूप धारण करके राजा बलि के महल में रहने लगी | कुछ दिन बाद ब्राह्मण औरत ने राजा बलि को राखी बांधती है और बदले में श्री हरि को मांगती है | राजा बलि आपने निष्ठा के लिए जाना जाता है | राजा बलि को यह बात स्वीकार करना पड़ा | 


 2 . जब इंद्र और राजा बलि के बिच युध्द हो रहा था | तब राजा बलि ने इंद्र को हरा दिया था | इससे घबराकर इंद्र के पत्नी ने श्री विष्णु से अपनी और आपने पति इंद्र के लिए प्रार्थना करने पहुंची | और श्री हरि से मदद मांगने लगी | तब श्री हरि ने सूती का धागा इंद्र के पत्नी को दिया और कहा की यह धागा जाकर के इंद्र को बाँध दे | इंद्र के पत्नी का नाम सची थी | श्री हरि का दिया हुआ धागा सची ने इन्द्र को बाँधा | और इंद्र ने फिर युद्ध में राजा बलि को हरा दिया | इसलिए पुराने जमाने में जब कोई राजा युद्ध करने जाते थे | तो राजा और सैनिको के पत्नी उसके हाथ में रक्षा का धागा बांधती थी | 


3. श्री हरि ने दुनिया से पाप कर्म का विनाश करने के लिए श्री कृष्ण का अवतार लिया था | श्री कृष्ण गीता में अर्जुन से कहते है | जब जब धर्म की हानि होती है और संसार में अधर्म की वृध्दि होती है तब तक मै आपने रूप को रचता हूँ अर्थात साकार रूप में सबके सम्मुख आता हूँ पाप कर्मो के विनाश के लिए साधु का उदार के लिए मैं धरती पर बात बात अवतरित लेता | जब श्री कृष्ण ने शिशुपाल का वध किया | उस समय श्री कृष्ण के हाथ से खून निकलने लगा था | तब दौपदी ने आपने वस्त्र से खून को रोका इससे श्री कृष्ण द्रौपदी को आपने बहन का रिश्ता निभाया | जब दुर्योधन ने द्रौपदी का चीर हरण करना चाहा तो श्री कृष्ण ने द्रौपदी का मदद किया था | 

4.  श्री गणेश जी शंकर जी के पुत्र है | गणेश जी को दो पुत्र थे लेकिन पुत्री नहीं थी | गणेश जी के पुत्र का नाम शुभ लाभ है | इसी बात लेकर शुभ लाभ परेशान था की हमे कोई बहन नहीं है | इसलिए शुभ लाभ ने आपने पिता श्री गणेश जी से बहन के लिए जिद करने लगे | इस पर नारद जी को हस्तक्षेप करना पड़ा | इस विषय पर नारद जी श्री गणेश जी को कहा गणेश जी राजी हो गये | तब गणेश जी ने आपनी शक्ति का उपयोग करके संतोषी माँ को प्रकट किया | 

5. दुनिया को जितने का सपना देखने वाला सिकंदर | सिकंदर के पत्नी ने पेरु के राजा पोरस को सिकंदर को राखी भेजा | और संदेह में यह कहा की वह सिकंदर पर जानलेवा हमला नहीं करे | पोरस ने यह राखी आपने कलाई पर बांधा इसी कारण युद्ध में पोरस ने सिकंदर पर व्यक्तिगत हमला नहीं किया |  

6. रानी कर्णावती ने हुमायुं को राखी भेजी और आपने राज्य के सुरक्षा के लिए सन्देश भेजा | हुमायूँ ने भी आपने सेना रानी कर्णावती के पास भेज दिया | जिसके बाद बहादुर शाह के सेना को पीछे हटना पड़ा | 

तो दोस्तों आपने देखा की यह त्योहार रक्षा करने का प्राण करने वाला त्योहार है | इस लिए इस त्योहार को रक्षा का बंधन मतलब रक्षाबंधन कहा जाता है | 

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